अगर आप छुट्टियों में भीड़भाड़ वाले टूरिस्ट स्पॉट से हटकर कुछ अलग और असली भारत का स्वाद लेना चाहते हैं, तो मध्यप्रदेश का बुंदेलखंड आपका अगला ठिकाना हो सकता है। यह इलाका न सिर्फ अपनी ऐतिहासिक विरासत और शानदार वास्तुकला के लिए मशहूर है, बल्कि यहाँ की धरती में वीरता, कला और लोकसंस्कृति की खुशबू भी रची-बसी।
मध्यप्रदेश का बुन्देलखण्ड क्षेत्र सिर्फ मानचित्र पर एक भूभाग नहीं, बल्कि इतिहास, शौर्य और कला का जीवंत दस्तावेज़ है। यहाँ की मिट्टी में वीरों की गाथाएं, मंदिरों में बारीक नक्काशी और नदियों में बहती सदियों पुरानी कहानियाँ समाई हैं। अगर आप सैर-सपाटे के शौकीन हैं, तो बुन्देलखण्ड आपके लिए किसी खजाने से कम नहीं। आइए जानते हैं, यहाँ की कुछ खास जगहों के बारे में—
1. खजुराहो (छतरपुर जिला)
विश्व धरोहर स्थल खजुराहो अपनी अद्भुत शिल्पकला और अनोखी मूर्तिकला के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। कंदारिया महादेव, लक्ष्मण और विश्वनाथ मंदिर यहां के मुख्य आकर्षण हैं। हर साल आयोजित होने वाला खजुराहो नृत्य महोत्सव कला प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
2. ओरछा (निवाड़ी जिला)
बेतवा नदी के किनारे बसा ओरछा कभी बुन्देला राजाओं की राजधानी हुआ करता था। यहां का जहांगीर महल, राजमहल, रामराजा मंदिर और नदी किनारे बनी छतरियां पर्यटकों को इतिहास की गहराई में ले जाती हैं। रोमांच प्रेमियों के लिए यहां रिवर राफ्टिंग का भी आनंद लिया जा सकता है।
3. दतिया
दतिया अपने पीताम्बरा पीठ शक्तिपीठ के लिए प्रसिद्ध है, जहां देशभर से भक्त आते हैं। यहां स्थित वीर सिंह महल बिना नींव का बना एक स्थापत्य चमत्कार है, जो सैकड़ों साल से अडिग खड़ा है।
4. टीकमगढ़
यहां का गढ़कुंडार किला बुन्देला और चंदेल शासकों के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है। आस-पास के प्राचीन तालाब और मंदिर इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं।
5. पन्ना
प्रकृति प्रेमियों के लिए पन्ना किसी स्वर्ग से कम नहीं। पन्ना टाइगर रिज़र्व में बाघ, तेंदुए और मगरमच्छ देखने का रोमांच अलग ही अनुभव देता है। इसके अलावा रनेह फॉल्स और पांडव गुफाएं यहां की प्राकृतिक सुंदरता को और भी निखारते हैं।
6. छतरपुर और केन घड़ियाल अभयारण्य
छतरपुर जिले में स्थित केन घड़ियाल अभयारण्य दुर्लभ घड़ियालों के संरक्षण के लिए जाना जाता है। यहां के झरने और नदी किनारे का शांत वातावरण मन मोह लेता है।
7. चंदेरी (अशोकनगर जिला)
किलों, मस्जिदों और प्राचीन स्थापत्य कला से भरपूर चंदेरी सिर्फ अपने इतिहास के लिए ही नहीं, बल्कि चंदेरी साड़ियों के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है।
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निष्कर्ष:
बुन्देलखण्ड की यात्रा आपको एक साथ इतिहास, संस्कृति और प्रकृति से रूबरू कराती है। यहां का हर पत्थर, हर इमारत और हर धारा सदियों पुरानी कहानियां सुनाती है। अगर आपने अब तक इस धरती को करीब से नहीं देखा, तो अगली यात्रा में इसे ज़रूर शामिल करें।